कसरावद (खरगोन) । अनीस खान
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि पर श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर मंशा चतुर्थी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया। प्रातःकाल से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र एवं पुष्प अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की कामना की। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती की आराधना की।
मंदिरों में दिनभर भजन-कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दीं।
पंडित राजेन्द्र खोड़े ने बताया कि सावन सुदी चौथ से कुंवारी कन्याओं द्वारा दो पुनि सूत काटकर आरंभ होने वाला यह व्रत कार्तिक सुदी चौथ को पूर्ण होता है। यह व्रत चार वर्ष तक लगातार किया जाता है, जबकि कुछ महिलाएं पाँचवें वर्ष उजरण करती हैं। उजरण के अवसर पर एक ब्राह्मण जोड़ा, बहन या भानजी का जोड़ा तथा एक नाथ का जोड़ा जिमाया जाता है।
हरसिद्धि धाम की काजल सिसोदिया, श्रीमती सुशिला कर्मा और मीना अत्रे ने बताया कि उन्होंने प्रातः 3 बजे उठकर मोदक तथा दाल-बाटी बनाकर पूजा की और बाद में आस-पास के लोगों एवं अतिथियों को प्रसादी ग्रहण करवाई।
कई स्थानों पर सामूहिक आयोजन भी हुए, जिनमें महिलाओं ने एक साथ मिलकर पूजा-पाठ और व्रत कथा का पाठ किया।



