⚠️ SIR 2025 में भारी अव्यवस्था! ‘जागृत आदिवासी दलित संगठन’ का आरोप— फॉर्म नहीं, सर्वे नहीं; हज़ारों मतदाता सूची से बाहर होने के कगार पर 🚨

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बड़वानी, 26 नवंबर 2025।

​बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR 2025) की ज़मीनी स्थिति बेहद चिंताजनक है। जागृत आदिवासी दलित संगठन (JADS) ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन पर ECI (भारत निर्वाचन आयोग) के निर्देशों का खुला उल्लंघन करने और भारी लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है। संगठन के अनुसार, हज़ारों आदिवासी, महिलाएँ और प्रवासी मज़दूर मतदाता सूची से बाहर होने के पक्के खतरे में हैं, क्योंकि पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है।

​JADS के मुताबिक, 30 दिन के सर्वे में 21 दिन बीत चुके हैं, लेकिन आज तक अधिकांश गाँवों में घर-घर सर्वे शुरू तक नहीं हुआ है। 4 दिसंबर की अंतिम तिथि तक सर्वे पूरा होना असंभव है।

​• प्रशासनिक अव्यवस्था और ECI निर्देशों का उल्लंघन:

* फॉर्म की कमी: BLO के पास चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद पर्याप्त फॉर्म-6 (नाम जोड़ने) और फॉर्म-8 (संशोधन) तक उपलब्ध नहीं हैं। कई जगहों पर सिर्फ नाम हटाने वाले फॉर्म दिए गए हैं।

* कार्यालय में BLO: SIR प्रक्रिया का सीधा उल्लंघन करते हुए, तहसीलदार ने BLO को फील्ड से हटाकर तहसील/जनपद कार्यालयों में बैठा दिया है, जिससे गाँवों में सर्वे पूरी तरह बंद हो गया है।

* प्राप्ति न देना: सबसे ख़तरनाक अनियमितता यह है कि नागरिकों को भरे गए फॉर्म की रसीद (प्राप्ति) नहीं दी जा रही है। बिना रसीद के, मतदाताओं के पास कोई प्रमाण नहीं कि उनका फॉर्म स्वीकार हुआ, जिससे अंतिम सूची में नाम कटने की आशंका बेहद बढ़ जाती है।

​संगठन ने चेतावनी दी है कि यह वही पैटर्न है जो बिहार SIR 2023-24 में सामने आया था, जिसके चलते वहाँ हज़ारों पात्र लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब पाए गए थे।

🔥 लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन: JADS की प्रमुख माँगें

​संगठन ने इस पूरी प्रक्रिया को गरीबों, आदिवासियों और महिलाओं को लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने की दिशा में बढ़ता हुआ बताया है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल निम्न माँगें पूरी करने की माँग की है:

  1. BLO को फील्ड में भेजें: घर-घर सर्वे के बिना SIR अधूरा और अवैध है, सभी BLO को तुरंत फील्ड में भेजा जाए।
  2. फॉर्म की उपलब्धता: फॉर्म-6, फॉर्म-8 और सभी गणना फॉर्म तत्काल उपलब्ध कराए जाएँ।
  3. रसीद अनिवार्य: हर भरे गए फॉर्म की रसीद (प्राप्ति) नागरिक को देना अनिवार्य किया जाए, यह मतदाताओं के अधिकार की एकमात्र सुरक्षा है।
  4. समयसीमा बढ़ाएँ: वर्तमान गति और अव्यवस्था को देखते हुए SIR-2025 की अंतिम तिथि तुरंत बढ़ाई जाए, अन्यथा हज़ारों पात्र मतदाता सूची से बाहर हो जाएँगे।

JADS ने अंत में कड़े शब्दों में कहा है कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन का मामला है।