कसरावद, 09 दिसम्बर 2025।
संवाददाता: अनीस खान
नगर में स्लॉटर हाउस के पास वार्ड नंबर 5 में विगत कई वर्षों से एक अत्यंत गरीब महिला अनीशा पति वाहीद शाह अपने चार बच्चों के साथ झुग्गी-झोपड़ी में जीवनयापन कर रही है। यह परिवार भीख मांगकर अपना गुजारा करता है। महिला जिस जगह रह रही है, वह केवल पर्दों से ढँकी हुई एक कच्ची झोंपड़ी है। इतने वर्षों से अत्यंत दयनीय स्थिति में रहने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
पटवारी ने पटटे के सर्वे में किया मना
एक तरफ जहां नगर में शासन द्वारा पटटे (भूमि अधिकार) के सर्वे का कार्य चल रहा है, वहीं इस गरीब परिवार को सर्वे में शामिल नहीं किया गया। स्थानीय पत्रकार अनीस खान ने जब पटटे की टीम को अनीशा का मकान बताया, तो कसरावद के पटवारी अनिल पाटीदार द्वारा उन्हें सर्वे में शामिल करने से मना कर दिया गया।
बताया गया है कि गरीब महिला अनीशा के पास वर्ष 2018 की समग्र आईडी, कूपन और आधार कार्ड जैसे सभी आवश्यक दस्तावेज मौजूद हैं। इसके बावजूद पटवारी द्वारा उन्हें मना कर दिया गया।
सुनवाई के लिए लगा रही चक्कर
यह गरीब महिला कई बार नगर परिषद और तहसील कार्यालयों के चक्कर लगा चुकी है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस अन्यायपूर्ण रवैये के कारण यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसे गरीब और वंचित लोग शासन की योजनाओं के लाभ के लिए कब तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहेंगे और कब उनकी सुनवाई होगी।



