रफीक कुरैशी
आलीराजपुर। नर्मदा परिक्रमावासियों का गतरात्री शिव मंदिर सोंडवा में आगमन पर आत्मीय स्वागत किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट सुधीर जैन ने वहां पहुंचकर नर्मदा परिक्रमावासी जो की नर्मदा परिक्रमा के तहत खंभात की खाड़ी से होकर महेश्वर की ओर प्रस्थान कर रहे थे। इसी दौरान रास्ते में मथवाड़ से सोंडवा आगमन पर उनका तिलक लगाकर, पुष्पहार पहनाकर व श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया । इन परिक्रमावासियों 3200 में अलीराजपुर निवासी एवं मालवा-मालवा माटी के प्रसिद्ध संतश्री कमल किशोर जी नागर महाराज के परम सुशिष्य हेमंत चौकिया भगत, उनके साथी ग्राम इसडू निवासी चमारिया डावर, महाराष्ट्र (सतारा) से आए परिक्रमावासी श्रीकृष्णा, पंडित कमलेश पाठक सहित बड़ी संख्या में मौजूद पुरुष व महिला परिक्रमावासी यात्री भक्तो का श्री जैन, तेरसिंह, राजू चौकिया ने सभीजनो को तिलककर, पुष्पहार पहनाकर व श्रीफल भेंटकर आत्मीय सम्मान किया। इस दौरान श्री जैन ने कहा कि असल में नर्मदा परिक्रमा भक्तो के अनुपम त्याग, तपस्या व आस्था की बहुत कठिन यात्रा है, जहां परिक्रमा वासी करीब 3200 किलोमीटर की बेहद दुर्गम पैदल विहार यात्रा लगभग 7 से 8 माह में पूर्ण करते है। आत्मिक शुद्धिकरण की यह नर्मदा परिक्रमा यात्रा बहुत महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि इसमें शामिल सभी व्यक्ति सम्पूर्ण यात्रा में समानरूप से अहंकारमुक्त, एक याचक के रूप अपना उदरपोषण करते हुए ईश्वरीय आराधना करते है। श्री जैन ने सभी परिक्रमावासियो की सफल यात्रा की कामना भी की। हेमंत चौकिया ने कहा की माँ नर्मदा का हम सभी पर विशेष अनुग्रह है की उन्होंने इस भक्ति के लिए हमे चुना है। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया की हमलोग प्रतिदिन 20 से 30 किलोमीटर पैदल विहार करते है, फिर रास्ते में जहां देव मंदिर या धर्मशाला होती है हम वही रात्रि विश्राम कर लेते है एवं मांगकर भोजन ग्रहण करते है। परिक्रमावासी श्री कृष्णा ने बताया की हम नर्मदा मैय्या के भरोसे रोज चलते है वे ही हमारे जीवन की रक्षा करती है व हमारे सारे आवश्यक प्रबंध भी वे ही करवा देती है। इस अवसर पर हर- हर महादेव एवं नर्मदे हर के जयघोष भी किए गए।इस दौरान रवि चौकिया, जितेंद्र, मोहन, कपिल, रितेश चौकीया, देवेंद्र डावर सहित अनेक धर्मानुरागी उपस्थित थे।
नर्मदा परिक्रमावासियों का सोंडवा में किया सम्मान, परिक्रमावासियों ने अनुभव साझा किए



