बड़वानी, 19 दिसम्बर 2025।
भीषण ठंड के बीच बड़वानी की धरा पर आज एक अद्भुत आध्यात्मिक दृश्य देखने को मिला। राष्ट्र संत गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के दो शिष्य, आचार्य श्री विनम्र सागर जी और उपाध्याय श्री विभंजन सागर जी का भव्य मंगल मिलन हुआ। इस अवसर पर जैन समाज के साथ-साथ बड़ी संख्या में नगरवासी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।
गुरु भाइयों का भावुक मिलन
भक्तामर महोदधि उच्चारणाचार्य विनम्र सागर जी महाराज का आज बड़वानी से मांगीतुंगी सिद्ध क्षेत्र के लिए मंगल विहार हुआ। वहीं, अंजड़ नगर से पद विहार कर आ रहे उपाध्याय विभंजन सागर जी का बड़वानी नगर के बाहर अपने ज्येष्ठ गुरु भाई से मिलन हुआ। उपाध्याय श्री ने अपने ज्येष्ठ गुरु भाई के पाद प्रक्षालन कर तीन परिक्रमा लगाई, जिसके बाद आचार्य श्री ने अपने लघु गुरु भाई को वात्सल्य पूर्वक गले लगाकर मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। गुरुओं के इस मिलन को देखकर उपस्थित जनसमूह “जय गुरुदेव” के जयकारों से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।
नगर में भव्य स्वागत और पद विहार
इससे पूर्व आचार्य संघ पार्श्वगिरी से पद विहार कर बड़वानी पहुंचा। दिगंबर जैन मंदिर में दर्शन के उपरांत जैसे ही विहार शुरू हुआ, रास्ते भर ढोल-धमाकों के साथ समाज जनों ने गुरु वंदना की। महात्मा गांधी मार्ग पर नगरपालिका उपाध्यक्ष और वस्त्र व्यापारी संघ के वरिष्ठ सुभाष भावसार ने आचार्य श्री के चरणों को पखारकर आशीर्वाद लिया। पूरे संघ की आहार चर्या श्रावक श्रेष्ठी मुन्नूलाल जी जैन के निवास पर संपन्न हुई।
”दिसंबर पर दिगंबर भारी”
नगरवासियों ने कड़ाके की भीषण ठंड में दिगंबर साधुओं की कठिन चर्या और पद विहार को देखकर गहरा आश्चर्य और श्रद्धा व्यक्त की। लोगों के बीच यह चर्चा रही कि वास्तव में इस हाड़ कंपाने वाली ठंड पर दिगंबर वेश और मुनियों की तपस्या भारी है। इस अवसर पर समाज के युवा, महिलाएं, बच्चे और बाहर से आए हुए बड़ी संख्या में गुरु भक्त उपस्थित रहे।



