​भगवान के सामने हाथ मत फैलाइए भावपूर्वक की गई क्रिया ही फलदायी होती है बोले उपाध्याय मुनि श्री विभंजन सागर जी

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बड़वानी, 22 नवम्बर 2025।

​बड़वानी नगर में विराजित राष्ट्र संत गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के शिष्य उपाध्याय श्री विभंजन सागर जी मुनिराज ने आज दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित किया। अपनी ओजस्वी वाणी में मुनि श्री ने श्रद्धालुओं को क्रिया और भाव के गहरे संबंध को समझाते हुए धर्म के मर्म से परिचित कराया।

​भगवान देते नहीं पर उनके बिना कुछ होता नहीं

​मुनि श्री ने धर्मसभा में कहा कि आप भगवान के सामने कभी हाथ मत फैलाइए क्योंकि भगवान से कुछ मांगने की आवश्यकता नहीं है। भगवान हमें स्वयं कुछ देते नहीं हैं लेकिन जैन आगम के अनुसार निमित्त स्वयं कुछ करता नहीं है और निमित्त के बिना कुछ होता भी नहीं है। यही बात भगवान पर भी लागू होती है। भगवान कुछ करते नहीं हैं पर उनके बगैर कुछ संभव भी नहीं होता। उन्होंने बताया कि जब हम भक्ति, पूजा, स्वाध्याय और दान जैसे पुण्य कार्य करते हैं तो उससे पुण्य का अर्जन होता है और वही पुण्य हमारे कार्यों को सिद्ध करने वाला होता है। इसलिए हाथ फैलाने के बजाय पुण्य वृद्धि के लिए पुरुषार्थ करना चाहिए।

​क्रिया को आदत नहीं बल्कि अपनी साधना बनाएं

​रूढ़िवादिता पर प्रहार करते हुए उपाध्याय श्री ने कहा कि जैन आगम हर बात का प्रमाण और कारण बताता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को सचेत किया कि किसी भी धार्मिक क्रिया को अपनी आदत न बनाएं। जब क्रिया आदत बन जाती है तो हृदय के भाव समाप्त हो जाते हैं। बिना भाव के की गई पूजा या पाठ मात्र ‘क्रियाकांड’ बनकर रह जाता है जो व्यर्थ है। अतः क्रिया के साथ भावों का होना अनिवार्य है तभी वह सार्थक फल प्रदान करती है।

​समय का सदुपयोग और धार्मिक चर्या

​मुनि श्री ने समय की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में समय को व्यर्थ न गंवाएं। भावपूर्वक की गई छोटी सी क्रिया भी बड़ा फल प्रदान करती है। धर्मसभा से पूर्व उपाध्याय श्री ने मंदिर की वेदियों पर भगवान के दर्शन किए। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य श्री विराग सागर जी महा मुनिराज के चित्र पर दीप प्रज्वलन और अनावरण के साथ हुआ।

इस अवसर पर समाज के युवा, महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभा के उपरांत मुनि श्री की आहार चर्या संपन्न हुई। दोपहर में धर्म संबंधित कक्षाएं और सामयिक का आयोजन हुआ जबकि शाम को आनंद यात्रा निकाली गई।