सेंधवा काव्यमंच की साहित्यिक गोष्ठी में गूँजी कविताएँ और ग़ज़लें रचनाकारों ने अपनी लेखनी से समय और समाज के विभिन्न पहलुओं को उकेरा

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बड़वानी (सेंधवा), 21 दिसम्बर 2025।

​सेंधवा काव्यमंच के तत्वावधान में शनिवार को निवाली रोड स्थित सेंधवा पब्लिक स्कूल में एक भव्य साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इस गोष्ठी में शहर के प्रतिष्ठित रचनाकारों ने अपनी कविताओं, ग़ज़लों और व्यंग्य के माध्यम से समां बाँध दिया।

​बचपन की यादों और समय के महत्व पर चर्चा

​गोष्ठी में मोहित गोयल ने “बचपन वाली छुट्टी अब कहाँ आती है” सुनाकर सभी को भावुक कर दिया। वहीं विनय मंडलोई ने समय के महत्व को अपनी पंक्तियों के जरिए परिभाषित किया। डॉक्टर सन्नी सोनी ने सफलता और प्रयास पर केंद्रित प्रेरणादायक कविता सुनाई, जिसे उपस्थित श्रोताओं ने खूब सराहा।

​निमाड़ी लोक भाषा और व्यंग्य की फुहारें

​क्षेत्रीय भाषा की मिठास घोलते हुए शिक्षक निर्मल चौहान और गिरीश त्रिवेदी ने अपनी निमाड़ी रचनाओं की सुंदर प्रस्तुति दी। राजेंद्र सोनवणे ‘राही’ ने समाज में दिखावे की प्रवृत्ति पर तीखा व्यंग्य करते हुए “दो केलों के वजन” वाली रचना सुनाई, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर करने के साथ-साथ गुदगुदाया भी।

​ग़ज़लों और नज़्मों ने लूटी वाहवाही

​शायरी के दौर में शाकिर शैख ‘शाकिर’ और हाफ़िज़ अहमद ‘हाफ़िज़’ ने अपनी ग़ज़लों से महफ़िल में जान फूँक दी। युवा शायर वाजिद हुसैन ‘साहिल’ ने वर्तमान दौर में मोबाइल और किताबों के बीच के संघर्ष को अपनी ग़ज़ल में पिरोया, जिस पर उन्हें भरपूर वाहवाही मिली। श्रीमती मंजुला शर्मा ने छंदों के माध्यम से आशावादी रहने का संदेश दिया।

​व्यापार का दर्द और हास्य के रंग

​कार्यक्रम के सूत्रधार पवन शर्मा ‘हमदर्द’ ने व्यापारियों की वर्तमान स्थिति पर अपनी रचना पेश की। अजय चौहान और दीपक भार्गव ने तोते के वृतांत से हास्य का रंग जमाया, जबकि विशाल त्रिवेदी ‘आदिल’ ने सर्दी के मौसम पर अपनी विशेष रचना प्रस्तुत की। डॉ. जी.सी. खले ने प्रख्यात कवि शिवमंगल सिंह सुमन से जुड़े संस्मरण साझा किए और प्रोफेसर के.आर. शर्मा ने संचालन की बारीकियों पर अपने अनुभव बताए।

​सम्मान और आभार

कार्यक्रम के अंत में एक विशेष उपलब्धि के लिए काव्य मंच के विशाल त्रिवेदी ‘अल्पज्ञ’ का सम्मान किया गया। उन्हें पी.एम. श्री जवाहर नवोदय स्कूल अलीराजपुर में काव्य सृजन कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में सेवाएँ देने हेतु सम्मानित किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक मनोज मराठे द्वारा किया गया।