विश्व मंच पर आदिवासी अस्मिता की गूंज — राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी करेंगे जिनेवा में भारत का प्रतिनिधित्व

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बड़वानी | आदिवासी समाज के लिए यह गर्व और गौरव का क्षण है कि पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हमारे समाज से उभरकर आए विद्वान नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी को स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में आयोजित 151वीं इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (Inter-Parliamentary Union – IPU) की असेंबली में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह सम्मेलन 19 से 23 अक्टूबर 2025 तक जिनेवा के इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (CICG) में आयोजित होगा, जिसमें दुनिया भर के लगभग दो सौ से अधिक देशों के संसद सदस्य और प्रतिनिधि भाग लेंगे।

इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन विश्व का सबसे पुराना और प्रभावशाली संसदीय संगठन है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र, मानवाधिकार, शांति, सतत विकास और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। इस असेंबली में प्रत्येक सदस्य देश के सांसद अपनी संसदों के अनुभव, विचार और पहल को साझा करते हैं, जिससे लोकतंत्र को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने में मदद मिलती है। इस बार असेंबली का मुख्य एजेंडा “Recognizing and Supporting the Victims of Illegal International Adoption and Taking Measures to Prevent this Practice” रखा गया है, जिसके माध्यम से दुनिया भर में अवैध अंतरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।

डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी इस सम्मेलन में भारत की ओर से सक्रिय रूप से भाग लेंगे और लोकतंत्र तथा मानवाधिकारों के क्षेत्र में भारत की दृष्टि को विश्व समुदाय के सामने रखेंगे। वे “Standing Committee on Democracy and Human Rights” के सत्रों में भाग लेकर भारत की संवैधानिक परंपरा, समावेशी लोकतंत्र और समाज में कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही वे अन्य समितियों के विमर्श में भी हिस्सा लेंगे, जिनमें शांति और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, सतत विकास, तथा संयुक्त राष्ट्र सुधार जैसे विषय शामिल हैं।

डॉ. सोलंकी का यह दौरा 17 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2025 तक रहेगा। वे 17 अक्टूबर को नई दिल्ली से जिनेवा के लिए रवाना होंगे, जहाँ 18 अक्टूबर को प्रारंभिक पंजीयन और औपचारिक स्वागत कार्यक्रम में भाग लेंगे। 19 अक्टूबर से विभिन्न सत्रों की बैठकें प्रारंभ होंगी, जिनमें महिला सांसद मंच, युवा सांसद मंच, मानवाधिकार समिति तथा लोकतंत्र समिति की बैठकें शामिल हैं। 20 अक्टूबर को असेंबली का औपचारिक उद्घाटन होगा और उसी दिन सामान्य वाद-विवाद (General Debate) की शुरुआत होगी। 22 अक्टूबर को विशेष जवाबदेही सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें सदस्य देश अपने यहाँ पारित प्रस्तावों के पालन और परिणामों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। 23 अक्टूबर को सम्मेलन का समापन होगा और सभी प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिए जाएंगे।

राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी राजनीति में आने से पहले इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं। वे उच्च शिक्षित, विचारशील और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं, जिनकी पहचान एक सादगीपूर्ण किंतु प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में की जाती है। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने वर्षों तक विद्यार्थियों को राष्ट्रप्रेम, संस्कृति और समाजसेवा की शिक्षा दी, और अब वही शिक्षक विश्व मंच पर भारत की लोकतांत्रिक परंपरा और आदिवासी समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनका यह दौरा न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

यह पहली बार है जब भाजपा सरकार ने हमारे आदिवासी समाज से एक विद्वान, विचारवान और कर्मठ नेता को विदेश स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया है। यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि केंद्र सरकार हर वर्ग, समुदाय और क्षेत्र के विकास तथा सम्मान में समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अवसर डॉ. सोलंकी के नेतृत्व और समर्पण की पहचान है और इसने आदिवासी समाज को नई ऊंचाई प्रदान की है।

प्रस्थान से पूर्व डॉ. सोलंकी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने उन पर विश्वास प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह अवसर केवल उनका व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज का सम्मान है। वे इस दौरे के दौरान भारत की लोकतांत्रिक भावना, संविधान की मर्यादा और आदिवासी समाज की सांस्कृतिक चेतना को वैश्विक स्तर पर साझा करेंगे।

इस यात्रा के माध्यम से भारत विश्व को यह संदेश देगा कि उसका लोकतंत्र केवल राजनीतिक व्यवस्था नहीं बल्कि जीवन मूल्य है, जो समानता, सहअस्तित्व और मानवता के सिद्धांतों पर आधारित है। डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी का यह दौरा निश्चित रूप से भारत और आदिवासी समाज दोनों के लिए एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक अध्याय साबित होगा।