कसरावद (खरगोन)। अनीस खान
कसरावद शासकीय अस्पताल परिसर में स्थित पुराना और जर्जर हो चुका भवन वर्षों से एक बड़ी समस्या बना हुआ है, लेकिन इसे हटाने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह भवन अब इतनी दयनीय स्थिति में है कि इसके आस-पास से गुजरने में भी लोगों को डर लगता है, क्योंकि यह कभी भी ढह सकता है।
कलेक्टर के आदेश सिर्फ कागज़ पर:
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ महीने पहले खरगोन कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल महोदया ने अपने दौरे के दौरान इस भवन को डिस्मेंटल (ध्वस्त) करने का स्पष्ट निर्देश दिया था। दुर्भाग्य से, कलेक्टर का यह आदेश केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गया और आज दिनांक तक इस खतरनाक भवन को नहीं तोड़ा गया है।
गंदगी और खतरे का केंद्र:
इस जर्जर भवन के ठीक पास ही पोस्टमार्टम रूम स्थित है। इतना ही नहीं, इसके ठीक सामने कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है, और पास ही लाखों रुपये की लागत से रेन बसेरा भवन भी बना हुआ है। इसके बावजूद, यह पुराना भवन अनदेखी का शिकार है। भवन के आसपास बेतरतीब तरीके से पुरानी एंबुलेंस खड़ी हैं, और गंदगी ने अपने पैर पसार लिए हैं, जिससे पूरा क्षेत्र दूषित हो रहा है।
सवाल: किसका हो रहा है इंतजार?
नागरिकों में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रशासन को इस भवन को तोड़ने के लिए किसका इंतजार है? क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना या जान-माल के नुकसान का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद ही इस पर कार्रवाई की जाएगी? कुपोषित बच्चों के इलाज केंद्र और रेन बसेरा के निकट होने के कारण इस जर्जर भवन से उत्पन्न खतरा और भी गंभीर हो जाता है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कलेक्टर के आदेश का तत्काल पालन किया जाए और इस खतरनाक ढांचे को अविलंब ध्वस्त कर परिसर को सुरक्षित बनाया जाए।





