मानवता शर्मसार: अंजड़ बस स्टैंड पर मरणासन्न स्थिति में मिले दिव्यांग को सेवा संस्था ने दिया सहारा, भिक्षावृत्ति के लिए लाए जाने का आरोप

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अंजड़ (बड़वानी)।
अंजड़ के बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय में शनिवार को मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई, जहाँ एक दिव्यांग व्यक्ति मरणासन्न स्थिति में पड़ा मिला। जानकारी मिलने पर सेवा संस्था के सदस्यों ने तत्परता दिखाते हुए उसे सहारा दिया और जीवनदान दिया।

शनिवार सुबह 9 बजे, यात्री प्रतीक्षालय में एक दिव्यांग कुर्सी के नीचे मल-मूत्र से सनी हुई हालत में पाया गया। उसकी गंभीर हालत देखकर अन्य लोग नाक बंद कर भाग रहे थे।

नहलाकर अस्पताल पहुंचाया:

सेवा संस्था के सदस्यों ने नगर परिषद के टैंकर के माध्यम से उक्त व्यक्ति को नहलाया, उसकी हजामत की और नवीन कपड़े पहनाकर नाश्ता करवाया। थोड़ी स्थिरता आने पर दिव्यांग ने अपना नाम शंकर, निवासी मनावर का होना बताया।

दिव्यांग शंकर ने बताया कि कुछ लोग खाने की लालच देकर उसे भिक्षावृत्ति करवाने के लिए मनावर से अंजड़ लेकर आए थे और फिर उसे यहीं छोड़कर चले गए। शंकर का कहना है कि परिवार में उसका कोई नहीं है। उसके सिर में चोट भी लगी हुई थी, जिसके बाद संस्था सदस्यों ने उसे अंजड़ सिविल अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया।

इस नेक कार्य में संस्था सदस्य विजय मेहरा, अजरूद्दीन मंसुरी, देवेंद्र यादव सहित नगर परिषद के कर्मचारियों का सहयोग रहा।

भिक्षावृत्ति गिरोह पर संज्ञान लेने की मांग:

पैरालीगल वालेंटियर एवं समाजसेवी सतीश परिहार ने बताया कि दिव्यांग का एक हाथ और एक पैर लकवाग्रस्त है, और वह ठीक से बैठ भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग खाने का लालच देकर दिव्यांगों को गाड़ी में बैठाकर भिक्षावृत्ति के लिए मनावर जैसे छोटे शहरों से अंजड़ लाते हैं।

श्री परिहार ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जहाँ इंदौर, उज्जैन जैसे महानगरों में भिक्षावृत्ति पर सख्ती से रोक है, वहीं अंजड़ और बड़वानी जैसे छोटे शहरों और नगरीय क्षेत्रों में ऐसे मामले अभी भी देखे जा सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से इस पूरे मामले का संज्ञान लेने और ऐसी अमानवीय गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।