लापरवाही का आलम: नर्सिंग कॉलेजों ने फीस लेकर भी 47 छात्रों के फॉर्म रोके, 4 साल बर्बाद होने पर आंदोलन की चेतावनी।

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बड़वानी। (मो.आसिफ मेमन)
बड़वानी जिले के दो प्रमुख नर्सिंग संस्थानों – लेट के.एल. पाण्डे स्कूल ऑफ नर्सिंग, चाटली और नर्सिंग इंस्टीटयूट टॉफ बड़वानी – की घोर लापरवाही के कारण 47 नर्सिंग विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इन छात्रों ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में प्रवेश लिया था, लेकिन संस्थान की मनमानी के कारण आज दिनांक तक इनकी परीक्षा आयोजित नहीं हो पाई है।

47 विद्यार्थी, 4 साल बर्बाद:
ज्ञापन के अनुसार, लेट के.एल. पाण्डे स्कूल ऑफ नर्सिंग के 40 और नर्सिंग इंस्टीट्यूट टॉफ बड़वानी के 07 विद्यार्थी यानी कुल 47 छात्र इस समस्या से प्रभावित हैं। छात्रों ने आरोप लगाया है कि संस्थानों ने उनसे ₹35 हजार से लेकर ₹65 हजार तक परीक्षा शुल्क वसूल किया, लेकिन द्वेषतापूर्ण भावना रखते हुए उनके परीक्षा फॉर्म आगे फॉरवर्ड नहीं किए गए, जिससे उनका लगभग चार वर्ष बर्बाद हो गया है।

आर्थिक और मानसिक परेशानी:
पीड़ित विद्यार्थियों ने बताया कि पिछले चार वर्षों से वे लगातार धरना-प्रदर्शन, पैदल मार्च और आवेदन देकर शासन-प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत करा रहे हैं, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है। छात्रों ने यह भी बताया कि उनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, और कॉलेज को अनसुटेबल घोषित किए जाने के कारण उन्हें स्कॉलरशिप भी नहीं मिल पा रही है।
एडवोकेट सुमेर सिंह बड़ोले ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शहरों में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के होर्डिंग लगे हैं, लेकिन हकीकत में बेटियाँ 4 साल से मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो रही हैं, और भाजपा की मोहन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।

छात्रों की 5 प्रमुख मांगें:                                                   विद्यार्थियों ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से तत्काल निम्नलिखित मांगें पूरी करने का निवेदन किया है:

परीक्षा से वंचित छात्रों की परीक्षाएं तुरंत करवाई जाएं।                   

वर्ष 2022-23 के वंचित विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देते हुए       अंतिम वर्ष में प्रवेश दिया जाए।

समस्त वंचित विद्यार्थियों को अन्य महाविद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश दिलाया जाए।

पिछले 4 वर्षों से रुकी हुई स्कॉलरशिप एवं आवास की सुविधा प्रदान की जाए।

दोनों संस्थानों के संचालक और संपूर्ण स्टाफ पर छात्रों को शिक्षा से वंचित करने और मानसिक प्रताड़ना देने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाए।

7 दिन का अल्टीमेटम:                                                            विद्यार्थीगण ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 7 दिवस के भीतर परीक्षा से संबंधित नोटिफिकेशन जारी नहीं होता है और उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे, जिसके लिए दोनों इंस्टीट्यूट और शासन-प्रशासन सीधे तौर पर जवाबदार होंगे। ज्ञापन सौंपते समय छात्र नेता बादल गिरासे, देव जमरे, प्रमिला, संगीता, मनीषा, अंजलि, सारिका, सुनीता सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।