बड़वानी, 01 दिसम्बर 2025।
गीता जयंती के उपलक्ष्य में केंद्रीय जेल बड़वानी में निरंतर विभिन्न आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों की श्रृंखला में इस्कॉन संस्था के मार्गदर्शन में बंदियों को श्रीमद् भगवद् गीता के पंद्रहवें अध्याय सहित अन्य महत्वपूर्ण अध्यायों के श्लोकों का वाचन कराया गया।
गीता के संदेश का गहन अनुभव
कार्यक्रम केवल पाठ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रत्येक श्लोक का भावार्थ विस्तारपूर्वक समझाया गया, ताकि बंदियों को गीता के संदेश का गहन और स्पष्ट अनुभव हो। श्लोकों के अर्थ, उनके जीवन में प्रासंगिकता, कर्म और धर्म के सिद्धांतों की व्याख्या ने इस आयोजन को और अधिक जीवंत बना दिया।
जेल अधीक्षक सुश्री शेफाली तिवारी द्वारा बताया गया कि आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 20 बंदियों ने स्वयं श्रीमद् भगवद्गीता के पंद्रहवें अध्याय के संस्कृत श्लोकों का शुद्ध उच्चारण के साथ वाचन किया। इसके साथ ही भक्ति-भाव से सम्पन्न कीर्तन, गायन एवं संगीत ने पूरे आयोजन को एक पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की।
54 बंदियों ने दी गीता ज्ञान ऑनलाइन परीक्षा
इसी क्रम में मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा संचालित ‘अभ्युदय दृ मध्यप्रदेश गीता ज्ञान ऑनलाइन परीक्षा’ का भी आयोजन किया गया।
- इस परीक्षा में 29 बंदियों ने उत्साहपूर्वक ऑनलाइन भाग लिया।
- इसके अतिरिक्त, 25 बंदियों द्वारा ऑफलाइन परीक्षा में भाग लिया गया।
प्रतिभागी बंदियों ने गीता के ज्ञान, जीवन-मूल्यों और कर्तव्य-भाव से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देकर अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासा एवं समझ का परिचय दिया।
सकारात्मक परिवर्तन की सराहना
कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक सुश्री शेफाली तिवारी, सहायक जेल अधीक्षक श्री विनय काबरा, श्री राधेश्याम वर्मा, तथा इस्कॉन संस्था बड़वानी के जिला समन्वयक श्री खेमराज पाटीदार की गरिमामयी उपस्थिति भी रही। सभी अधिकारियों ने बंदियों द्वारा प्रदर्शित इस सकारात्मक और परिवर्तनकारी सहभागिता की सराहना की।
जेल प्रशासन ने जानकारी दी कि ऐसे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आगे भी नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि बंदियों में आत्म-सुधार, सद्विचार और सकारात्मक ऊर्जा का निरंतर संचार हो सके।






