बड़वानी: 10 करोड़ के रोड निर्माण में गुणवत्ता पर सवाल कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और पार्षदों ने नगर पालिका पर लगाए भ्रष्टाचार और जानकारी न देने के आरोप

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बड़वानी में नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष राकेश सिंह जाधव और कांग्रेस पार्षदों ने नगर पालिका परिषद के सामने सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने नगर पालिका पर निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध न कराने और भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष राकेश सिंह जाधव ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका से वार्ड 01 से 24 तक के सभी छोटे-बड़े निर्माण कार्यों की सत्यापित जानकारी लिखित में मांगी थी। हालांकि, पिछले तीन महीनों से उन्हें यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है और नगर पालिका द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है। जाधव ने सवाल उठाया कि यदि एक जनप्रतिनिधि को जानकारी नहीं मिल रही है, तो आम नागरिक को क्या अनुभव होता होगा। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने की बात भी कही। जाधव ने आरोप लगाया कि जब से बड़वानी में भाजपा की नगर पालिका बनी है, तब से शहर की स्थिति बदतर हो गई है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद में किसी की सुनवाई नहीं होती और निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। जानकारी मांगने पर भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है। जाधव ने चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के भीतर मांगी गई जानकारी और निर्माण कार्य से संबंधित विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया, तो उग्र आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष राकेश सिंह जाधव ने कारंजा से अंजड़ रोड तक बन रहे डिवाइडर युक्त नए रोड निर्माण में गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि निर्माण कंपनी मनमानी कर रही है और नगर पालिका का इस पर कोई अंकुश नहीं है। जाधव के अनुसार, निर्माण पूरा होने से पहले ही गुणवत्ता की पोल खुल गई है। सड़क में करीब 80 फीट लंबी दरार उभर आई है, सड़क एक ओर झुक गई है और बीच की गेपिंग फैल रही है। उन्होंने इसे निर्माण की गुणवत्ता में गंभीर लापरवाही बताया और मांग की कि निर्माण कंपनी इसे जल्द दुरुस्त करे, अन्यथा सभी कांग्रेस पार्षद धरना प्रदर्शन करेंगे।नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि कारंजा से लेकर अंजड़ रोड पुलिया के पास तक डिवाइडर रोड पर 100 से अधिक दरारें उभर आई हैं, जो घटिया निर्माण का सीधा उदाहरण हैं। रोड शुरू होने के बाद बड़े व भारी वाहन गुजरेंगे, तब रोड की क्या दुर्दशा होगी? यह बड़ा सवाल है। जाधव ने कहा कि उक्त निर्माण कार्य की जांच करने वाली कंपनी पर भी प्रश्र चिह्न खड़ा होता हैं। आखिर उभरती दरारों के बावजूद काम में सुधार की बजाय आगे निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।