बिजासन घाट की दुर्घटनाओं पर राज्यसभा सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी ने सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की

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बड़वानी, 10 दिसम्बर 2025।

​माननीय राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने आज राज्यसभा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को उठाते हुए मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में स्थित बिजासन घाट पर लगातार हो रही भीषण सड़क दुर्घटनाओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और राष्ट्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।

​बिजासन घाट बना हादसों का केंद्र

​डॉ. सोलंकी ने सदन में बताया कि मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 पर स्थित बिजासन घाट लंबे समय से हादसों का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यहां लगातार गंभीर दुर्घटनाएं हो रही हैं, कई बार एक ही स्थान पर 90 से अधिक दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं और सैकड़ों नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

​उन्होंने जोर देकर कहा कि जब किसी निश्चित स्थान पर बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हों, तो यह तकनीकी खामियों का स्पष्ट संकेत होता है। उन्होंने जाम की समस्या को भी उठाया, जिसके कारण कई बार 24-24 घंटे तक जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे आपातकालीन सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित होती हैं।

​गणेश घाट का उदाहरण दिया

​डॉ. सोलंकी ने पूर्व में उठाए गए गणेश घाट के मुद्दे का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि पहले इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गणेश घाट पर हो रही दुर्घटनाओं का मुद्दा उन्होंने उठाया था, जिसके त्वरित संज्ञान पर सरकार द्वारा 107 करोड़ रुपये की लागत से नई सड़क का निर्माण कराया गया था।

​उन्होंने कहा कि नई सड़क बने लगभग एक वर्ष हो चुका है और अब तक वहां एक भी दुर्घटना नहीं हुई है, जबकि पहले वहां सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी थी। यह इस बात का प्रमाण है कि सही तकनीकी समाधान और मजबूत इच्छाशक्ति से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

​सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग की मांग

​सांसद डॉ. सोलंकी ने भावुक शब्दों में कहा कि सड़क हादसों में कई माताओं ने अपने बेटे खोए हैं, कई बहनों ने अपने भाइयों को और कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। इस अपार पीड़ा को देखते हुए बिजासन घाट पर तत्काल ठोस कदम उठाया जाना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि बिजासन घाट की तकनीकी खामियों को दूर कर, वहां वैकल्पिक सुरक्षित मार्ग का निर्माण शीघ्र कराया जाए, ताकि जनहानि को स्थायी रूप से रोका जा सके।