‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत सेंट मेरी स्कूल में छात्राओं को किया गया जागरूक: एसपी जगदीश डावर ने कहा—शिक्षा ही बेटियों की वास्तविक शक्ति है

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बड़वानी, 27 नवम्बर 2025।

​महिला सुरक्षा शाखा, पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार, जिले में “मुस्कान विशेष अभियान” 01 नवम्बर से 30 नवम्बर 2025 तक संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में, कोतवाली थाना प्रभारी श्री दिनेश कुशवाह द्वारा आज सेंट मेरी हायर सेकंडरी स्कूल, बड़वानी में बालिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

​पुलिस अधीक्षक श्री डावर का प्रेरणादायक संबोधन

​कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पुलिस अधीक्षक श्री जगदीश डावर (भा.पु.से.) ने बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि, “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, हर शिखर तक पहुँचने का रास्ता मेहनत, धैर्य और निरंतर प्रयासों से होकर गुजरता है।”

  • शिक्षा को शक्ति बताया: एसपी श्री डावर ने जोर देकर कहा कि शिक्षा ही बेटियों की वास्तविक शक्ति है। उन्होंने बालिकाओं को अपनी शिक्षा को ताकत बनाने और जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया।
  • सुरक्षा और सतर्कता: उन्होंने बालिकाओं को अजनबियों से दूरी बनाए रखने, हमेशा सतर्क रहने तथा सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग करने की सलाह दी। ‘मुस्कान अभियान’ का उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।

​आत्मरक्षा, साइबर सुरक्षा और कानूनी जानकारी

​सब इंस्पेक्टर शीला सोलंकी ने बालिकाओं को व्यवहारिक और कानूनी पहलुओं पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी प्रदान की:

  • ​गुड टच-बैड टच और आत्मरक्षा तकनीक।
  • ​साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियम और खतरे।
  • ​बाल अधिकार और असुरक्षित परिस्थितियों में तुरंत पुलिस की सहायता लेने की प्रक्रिया।

​काउंसलर श्रीमती अनीता चोयल ने बालिकाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा, “किसी भी प्रकार की गलत टिप्पणी या संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। सुरक्षा आपकी प्राथमिकता है और पुलिस हमेशा आपकी सहायता के लिए तैयार है।”

​आवश्यक हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह अधिनियम

​कार्यक्रम में बालिकाओं को आपात स्थिति में उपयोग किए जाने वाले आवश्यक हेल्पलाइन नंबर भी बताए गए:

  • ​महिला हेल्पलाइन: 1090
  • ​चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098
  • ​साइबर अपराध रिपोर्टिंग: 1930
  • ​आपातकालीन सेवा: 112

​साथ ही, उन्हें बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए बताया गया कि बालिका के लिए न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष और बालक के लिए 21 वर्ष है। नाबालिग विवाह की सूचना तुरंत पुलिस को देना कानूनन अनिवार्य है।

​यह आयोजन बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने, सुरक्षा-जागरूकता विकसित करने तथा सुरक्षित वातावरण निर्मित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।

उपस्थिति: इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य सिस्टर, काउंसलर श्रीमती अनीता चोयल, आरक्षक सुशील नगवाल, आत्माराम, पुरूषोत्तम, संस्था का समस्त स्टाफ तथा बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित रहीं।