बड़वानी, 26 नवंबर 2025।
मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री महेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में आज संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जिले में तीन स्थानों पर विधिक साक्षरता शिविरों का सफल आयोजन किया गया। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों, मूल कर्तव्यों और समान न्याय के महत्व से परिचित कराना था।
🏛️ जिला न्यायालय परिसर में कार्यक्रम
जिला न्यायालय परिसर बड़वानी में आयोजित कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश श्री रईस खॉन ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान का सार बताया, जो हम सबको एक रूप में जोड़ने का प्रयास करता है। उन्होंने ज़ोर दिया कि सभी लोग विधि के समक्ष समान हैं, और इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन भी किया गया।
• न्यायालय परिसर में प्रमुख उपस्थिति:
* विशेष न्यायाधीश श्री रईस खॉन, तृतीय अपर जिला न्यायाधीश श्रीमती रेखा आर चन्द्रवशी, सचिव न्यायाधीश जिविसेप्रा श्री अमूल मण्डलोई, द्वितीय न्यायाधीश श्री मानवेन्द्र पवार समेत अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री रॉबिन दयाल उपस्थित रहे।
* जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री सोहन लाल पाटीदार और सचिव श्री नुरुज्जमा शेख सहित समस्त अधिवक्ता और न्यायालयीन स्टॉफ मौजूद थे।
📚 शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता
इसी प्रकार के शिविर शासकीय विधि महाविद्यालय बड़वानी और योगेश्वर विधि विद्यालय पिपलाज में भी आयोजित किए गए:
- शासकीय विधि महाविद्यालय: शिविर को संबोधित करते हुए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अमूल मण्डलोई ने बताया कि संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था, और यह दिवस नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकार और संरक्षण प्रदान कराता है।
- योगेश्वर विधि विद्यालय: यहां भी न्यायाधीश श्री अमूल मण्डलोई ने छात्रों को समान अधिकार, शिक्षा का अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक उपचारों के अधिकार जैसे मूल अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया।
- समान न्याय पर ज़ोर: जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री रॉबिन दयाल ने बताया कि अनुच्छेद 39 ए में आर्थिक या अन्य योग्यता के कारण कोई भी व्यक्ति न्याय पाने से वंचित न रह जाए, इसलिए विधिक सहायता की स्थापना की गई है। उन्होंने नागरिकों से मूल कर्तव्यों का पालन कर अच्छा नागरिक बनने का आह्वान किया।
सभी कार्यक्रमों के अंत में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया और राष्ट्रगान गाया गया, जिससे उपस्थित लोगों में राष्ट्रीय भावना का संचार हुआ।




